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फेंगशुई चीन की वास्तुकला है। फेंगशुई के अनुसार नेगेटिव एनर्जी को पाजिटिव में बदलने के लिए कुछ वस्तुओ (क्योर्स) का सहारा लिया जाता है। भारतीय वास्तुशास्त्र तथा फेंगशुई में सबसे बड़ा अन्तर है, कि भारतीय वास्तुशास्त्र में भवन को तोड़ना पड़ता है, जबकि फेंगशुई में सिर्फ क्र्योस लगाए जाते हैं, जोकि काफी सस्ते और प्रभावशाली होते हैं।

चमत्कारी फेंगशुई सिक्के : फेंगशुई के चमत्कारी सिक्के हमारी आय की सुरक्षा करते हैं तथा कभी न खत्म होने वाली सम्पत्ति के प्रतीक हैं। धन, भाग्य को सक्रिय करने के लिए तीन चीनी चमत्कारी फेंगशुई सिक्कों की जो लाल रिबन में बंधे हुए होते हैं, इसे आप पर्स में रख सकते हैं, इन सिक्कों को आप अलमारी, कैश-बाॅक्स, गल्ले, बैंक लाॅकर में रख सकते हैं। इसको उपहार में देना तो बेहद शुभ मानते हैं।

 धन-भाग्य के लिए तीन टांगों वाला मेंढ़क: धन-भाग्य के लिए तीन टांगों वाला मेंढ़क घर में रखना शुभ माना जाता ळें इसके मुंह में सिक्का होता है। इसे घर में मुख्य द्वार के पास इस तरह रखा जाता है, कि ये घर के अन्दर की तरफ देख रहा हो। इससे प्रतीत होता है, कि ये पैसा घर में ला रहा है। इसका मुंह घर के अंदर की ओर होना चाहिए। इसे घर के शौचालय या रसोईघर में नहीं रखना चाहिए।

एजुकेशन टावर: जिन बच्चों का पढ़ाई में मन ना लगता हो, उनके लिए स्टडी-टेबल पर एजुकेशन टावर रखने से लाभ होता है। परीक्षा में अच्छे नम्बर प्राप्त करने के लिए इसे स्टडी-टेबल या कमरे में रखा जाता है। यह एजुकेशन कैरियर तथा व्यापार में सफलता के लिए होता है।

 

क्रिस्टल ग्लोब: एजुकेशन क्षेत्र में क्रिस्टल ग्लोब रखने से विद्यार्थियों को जबरदस्त सफलता मिलती है, जिससे वह एजुकेशन में बहुत अच्छे साबित होते हैं। व्यापार के क्षेत्र में क्रिस्टल ग्लोब प्रयोग करते हैं। जिन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत करनी है, उनके लिए क्रिस्टल ग्लोब बहुत सहायक है। इस ग्लोब को दिन में तीन-चार बार घुमाते हैं। जिससे क्रिस्टल ग्लोब से जो यांग ऊर्जा निकलती है, वह पूरे क्षेत्र में फैल जाए।

लम्बी आयु का प्रतीक कछुआ: कछुआ लम्बी आयु का प्रतीक माना जाता है। इसका मजबूत खोल इस बात का प्रतीक है, कि यह बीमारियों से हमारी रक्षा करेगा। जिससे हमें दीघार्यु प्राप्त होगी। कैरियर के क्षेत्र में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसे उत्तर दिशा में रखते हैं।

 

फुक, लुक, साऊ: इन तीन चीनी देवताओं की मूर्ति घर में रखने से महत्वपूर्ण सौभाग्य प्राप्त होता है। यह तीनों देवता समृद्धि, सेहत तथा लम्बी आयु के प्रतीक होते हैं। इनकी पूजा नहीं की जाती। इनको एक साथ रखना अत्यन्त भाग्यशाली माना जाता है। इन्हें भोजन कक्ष में भी रख सकते हैं। आफिस में एक से अधिक सेट भी रख सकते हैं।

दोहरा खुशी चिन्ह: फेंगशुई में सबसे ताकतवर चिन्ह दोहरा खुशी चिन्ह होता है। इसको घर में लगाने से घर खुशियों से भर जाता है। घर के सदस्यों में आपसी सम्बन्ध मधुर रहते हैं। इसे शयन-कक्ष के दक्षिण-पश्चिम कोने में लगाने से पति-पत्नी के संबंध मजबूत होते हैं। विवाह-योग्य युवक या युवती के कमरे में लगाने से शादी जल्दी हो जाती है।

 

सभी क्षेत्रों में सफलता के लिए राशि लाकेट: यह आपकी चीनी राशि से सम्बन्धित होता है। इसमें एक तरफ चीन की देवी कुवान यिन बनी होती है। जो आपको बीमारी-दुर्घटना से बचाव करती है। दूसरी तरफ आपकी चीनी राशि बनी होती है। यह आपके ग्रहों को शांत करती है। ग्रहों के अन्तर की दशा सामान्य करती है और हर क्षेत्र में जबरदस्त सफलता दिलाती है। खुद इस्तेमाल करने के लिए फेंगशुई में इससे बढि़या कोई चीज नहीं है।

क्रिस्टल पेंसिल लाकेट: यह हमारी बुरी ऊर्जाओं से बचाव करता है। गुस्सा, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, नेगेटिव सोच और बीमारियों से बचाव करता है। हमारे दिमाग को ठण्डा और तेज करता है। क्रिस्टल पेंसिल लाॅकेट स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इसको पहनने वाला हमेशा सबके आकर्षण का केन्द्र रहता है।

विन्ड चाईम: विन्ड चाईम से नियन्त्रण किया जा सकता है। इसे आप किसी भी क्षेत्र जैसे विवाह, ज्ञान, आफिस, दुकान, घर, कार्यालय में लगा सकते हैं। विन्ड चाईम हानिकारक चीज (उर्जा) को रोक देती है। विन्ड चाईम 5, 6 तथा 7 पाईप की अच्छी मानी जाती है। दरवाजों से बुरी चीज (शक्ति) बहुत तेज बनती है। जो हमारी लिए कष्टदायक होती है। इस दोष को दूर करने के लिए बीज पगोड़ा विन्ड चाईम लगाते हैं।

 

सफलता के लिए फिनिक्स: फिनिक्स एक लाल रंग का पक्षी है। चीनी कथाओं के अनुसार जोकि अमर होता है। कभी मरता नहीं। यह इच्छा पूरी होने वाले भाग्य का प्रतीक है। फिनिक्स प्रसिद्धि, व्यापार तथा नौकरी के अच्छे अवसरों के लिए सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसे दक्षिण दिशा में रखते हैं।

ड्रेगन के सिर वाला कछुआ: ड्रेगन के सिर वाला कछुआ लम्बी आयु तथा सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि चीनियों के अनुसार बिना खाये-पिये यह 300 साल तक जीवित रह सकता है। डेªगन सफलता तथा सौभाग्य का प्रतीक है। दोनों के मिलने से सम्पत्ति सौभाग्य प्राप्त होता है। ड्रेगन के सिर वाला कछुआ सिक्कों पर बैठा होता है। इसकी पीठ पर बैठा बच्चा वंश को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का संकेत होता है, अर्थात् लड़के का सुख। यह हमारी बीमारियों तथा शत्रुओं से रक्षा करता है। इसे शयन-कक्ष में नहीं रखना चाहिए।

 कुंवारे लड़के की शादी का उपाय: अपने शयन-कक्ष में ग्रोउन बत्तखों का जोड़ा या क्रिस्टल बाल का जोड़ा रखें। इसे रोमांस के परिन्दे भी कहते हैं। इसे पति-पत्नी भी शयन-कक्ष में रख सकते हैं।

पा-कुआ (बाग्वा दर्पण): मकान का मुख्य द्वार महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि घर के अन्दर उर्जा का प्रवेश इसी से होता है। मुख्यद्वार के सामने अवरोध होने से घर के निवासियों को स्वास्थ्य व धन की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मुख्यद्वार के सामने दीवार होने से घर के निवासियों का जीवन संघर्षमय रह सकता है। मुख्यद्वार के सामने खम्बे होने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मुख्यद्वार के सामने पेड़ टेलीफोन का खम्बा, उंची ईमारत, किसी अन्य घर के तीखे कोण, मोबाईल या केबल टी.वी. का एन्टीना आदि होने से भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन दोषों को दूर करने के लिए मुख्यद्वार के ऊपर बाग्वा दर्पण लगाना चाहिए। बाग्वा दर्पण एक शक्तिशाली दर्पण होता है। जोकि नकरात्मक ऊर्जा को घर में घुसने से रोकता है, तथा वापिस भेज देता है। कभी-कभी नकरात्मक उर्जा का प्रभाव काफी तेज होता है। जिससे की दर्पण टूट सकता है। यदि ऐसा हो तो उसे तुरन्त बदल दें। बाग्वा दर्पण कभी भी घर के अन्दर नहीं लगाना चाहिए, हमेशा बाहर की तरफ लगाना चाहिए।

पानी का जहाज: समुद्री जहाज किसी व्यक्ति के कार्य में महान उपलब्धि और सफलता का प्रतीक है। इसे घर या आफिस में रख सकते हैं या इसका चित्र टांग सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रहे, कि जहाज घर या आफिस की तरफ आ रहा हो। इस तरह का जहाज तरक्की तथा समृद्धि का प्रतीक है। ध्यान रहे कभी भी टाइटेनिक जहाज के चित्र न लगायें।

 

ड्रेगन के मुंह वाली किश्ती: ड्रेगन के मुंह वाली किश्ती, सौभाग्य तथा सम्पत्ति को घर के अन्दर आने का प्रतीक है। इसे बैठक कक्ष में रखना चाहिए। यह ध्यान रखें कि इसका मुंह अन्दर की ओर होना चाहिए।

लव-बर्ड: इसे शयन-कक्ष में लगाने से पति-पत्नी में सम्बन्ध मधुर बने रहते हैं। युवा पति-पत्नी के कमरे में लगाने से ये रोमांस के प्रतीक उत्तेजित करते हैं।

क्रिस्टल बाल: क्रिस्टल बाल का प्रयोग घर आफिस या दुकान में उर्जा को फैलाने के लिए किया जा सकता है। क्रिस्टल बाल से नकरात्मक उर्जा को सकरात्मक करके संतुलित किया जा सकता है। क्रिस्टल बाल घर के माहौल को खुशनुमा बना देता है। इसे घर में किसी भी क्षेत्र में टांग सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार चल रहा हो, तो इसे उसके कमरे में टांग दें। विवाह के लिए विवाह-क्षेत्र, व्यापार के लिए व्यापार-क्षेत्र, शिक्षा के लिए शिक्षा-क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जा सकता है।

 

क्रिस्टल या रत्नों का पौधा: क्रिस्टल या रत्नों का पौधा यांग उर्जा को प्रभावित करता है। विवाह के लिए विवाह-क्षेत्र, व्यापार के लिए व्यापार-क्षेत्र, शिक्षा के लिए शिक्षा-क्षेत्र में इसका प्रयोग से लाभ होता है। इसे किसी भी क्षेत्र में रख सकते हैं।

 

धन-दौलत का देवता लाफिंग बुद्धा: लाफिंग बुद्धा की मूर्ति धन-दौलत, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्रतीक मानी जाती है। लाॅफिंग बुद्धा का हंसता हुआ चेहरा हमें प्रेरणा देता है, कि तुम दुखी मत होवो हमेशा खुश रहो। इसका बड़ा हुआ पेट घर के सदस्यों के दुखों को अपने पेट के अन्दर समा लेता है और खुशी व हंसी प्रदान करता है। लाॅफिंग बुद्धा की मूर्ति ड्राईंग-रूम तथा लाबी में मुख्यद्वार के सामने मुंह करके रखी जाती है।

 बा-गुआ: घर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही अगर शौचालय या स्नानघर दे तो यह महत्वपूर्ण दोष माना जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए बा-गुआ में दर्पण की जगह यिन और यांग बना होता है। इसे घर के अन्दर शयन-कक्ष, बाथरूम और शौचालय में लगाते हैं।

 

गणपति बागुआ: यदि मुख्य-द्वार में प्रवेश करते ही हमें रसोई का दरवाजा नजर आये तो इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए गणपति बागुआ रसोईघर के दरवाजे के ऊपर लगाते हैं। गणपति बागुआ के मध्य भाग में गणेश जी बने होते हैं।

बीमारियों से बचाव के लिए कुवान यिन: कुवान यिन की मूर्ति घर में रखने से परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है तथा बीमारियां घर में प्रवेश नहीं करती।

 

 

कन्याओं के विवाह के लिए चांद और चांदनी का चित्र: चीन में पूर्णिमा के चांद को विवाह का देवता का प्रतीक माना जाता है। अपने भारत में भी औरतें करवा-चौथ के दिन चांद को देखकर की अपना व्रत खोलती हैं। पूर्णिमा के चांद और चांदनी का चित्र कन्याओं के शयनकक्ष के दक्षिण पश्चिम कोने में लगाने से कन्याओं को मनपंसद योग्य वर मिलता है।

इच्छा पूरी करने वाला कछुआ: आपके मन में कोई इच्छा होती है या पूरी न हो रही हो तो सफेद कागज लेकर उसके ऊपर लाल पैन से लिखकर अन्दर रख दें और उसका मुंह दक्षिण की तरफ करते हैं। तो इच्छा 40 से 60 दिन में पूरी हो जाती है।

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बिमलेश कुमार जी के लगभग 500 से अधिक लेख वास्तु शास्त्र पर विभिन्न पत्र, पत्रिकाओं व अख़बारों में प्रकाशित हो चुके हैं | एवं विभिन्न टेलिविज़न चैनलों पर हजारों प्रोग्राम दे चुके हैं |

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